ड्रोन और रोबोट: भविष्य के युद्धों में ये निभाएँगे अहम भूमिका 

वक़्त के साथ तकनीक आगे बढ़ी और ऐसी चीज़ें बनना आसान हो गया जिनके बारे में पहले कल्पना तक नहीं की गई थी. 

ये नई चीज़ें आज हमारे जीवन के हर पहलू को परिभाषित कर रही हैं. जैसे सवेरे का नाश्ता बनाना है तो ऑटोमेटिक मशीन या माइक्रोवेव है जो खाना पकते ही आपको इशारा कर देती है, कपड़े धोने के लिए, घर में झाड़ू लगाने के लिए… और फिर अस्पताल में, सड़कों पर हर कहीं मशीनें ही हैं जो हमारा काम आसान बनाती हैं.

आने वाले वक़्त में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ये मशीनें युद्ध के मैदान में और संघर्ष की जगहों पर इंसान की मदद करेंगी… हम कह सकते हैं अभी भी कर रही हैं. 

दूर जगहों में सामान पहुँचाने के लिए इनका इस्तेमाल अब आम तौर पर देखा जाने लगा है. रूस यूक्रेन युद्ध में इंफ़्रारेड सेन्सर्स वाले ड्रोन्स का इस्तेमाल गाड़ियों और टैंकों के इंजन से पैदा होने वाली गर्मी का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में किया गया. बड़े ड्रोन्स की मदद से बम गिराने और मिसाइल दागने का काम किया गया.

ये तो हुई कई किलोमीटर दूर से किसी ठिकाने पर निशाना लगाने की बात. छोटे स्तर पर सैनिकों की जगह ड्रोन की मदद से गोलियाँ दागने का कोई वाक़या अब तक तो सामने नहीं आया है, लेकिन ये भी असंभव नहीं. 

और अगर ड्रोन कई घटों कर हवा में रह सके (कई ड्रोन घटों तक हवा में रह सकते हैं और प्रीफेड एल्गोरिद्म के आधार पर काम कर सकते हैं) तो इनके ज़रिए बड़ी तबाही को अंजाम देना मुश्किल नहीं.

आने वाले वक़्त में ये ड्रोन कई ऐसे कामों को अंजाम देंगे जिसमें इंसान की जान जाने का जोखिम हो. इनसे साथ रोबोट्स भी इस काम में उनकी मदद करेंगे.

ये ऐसी जगहों पर या ऐसे मौसम में सामान ले जाने का काम करेंगे जहां इंसान आसानी से न पहुँच सके और जहां ड्रोन से भी सामान ले जाने में उसके गिरने का जोखिम हो. 

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और पहले की गई एक और कड़ी- किलर रोबोट क्या सैनिकों की जगह अब लड़ेंगे जंग?

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