पैनासोनिक को चाहिए भारतीय स्मार्टफोन बाज़ार का 5% हिस्सा

Panasoic Eluga U
Panasoic Eluga U smartphone

आज पैनासोनिक ने भारत के स्मार्टफोन बाज़ार के लिए अपना क्वाड-कोर फोन इल्यूगा यू लाँच किया। लाँच के अवसर पर कंपनी के मैनेजिन्ग डाइरेक्टर, मनीष शर्मा के कहा-“अपने नए उत्पादों के साथ कंपनी अगले एक वर्ष में भारतीय स्मार्टफोन बाज़ार में 5 प्रतिशत तक पहुंचने का ध्येय रखती है।”

मनीष के अनुसार कंपनी आनेवाले एक वर्ष के भीतर बाज़ार में 15 नए फोन और 8 नए फीचर फोन उतारेगी। इनमें से कुछ बेहद सस्ते होंगे, जबकि कुछ के दाम 16,500 रूपये से 20,000 रूपये तक होंगे।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला ने कहा है कि नोकिया अपने सस्ते फीचर फोन और आशा फोन का उत्पादन करना बन्द करेगा। हालांकि लगातार सस्ते हो रहे स्मार्टफोन की वजह से भारत में फोन बाज़ार में 29% बिक्री होने वाले फोन स्मार्टफोन हैं, 71% प्रतिशत फोन बाज़ार पर अब भी फीचर फोन का ही कब्ज़ा है। (Q1, 2014 में भारतीय स्मार्टफोन बाज़ार की स्थिती, आई.डी.सी) ऐसे में यदि पैनासोनिक इस बाज़ार में अपनी पहचान दर्ज करना चाहता है, तो यह बेहद सुलझा हुआ निर्णय प्रतीत होता है। प्रतियोगिता कम होने के कारण इस क्षेत्र में काफी उम्मीद बाकी है।

परन्तु मेरी चिन्ता का विषय स्मार्टफोन बाज़ार है।

एक ओर इस साल के अंत तक गूगल एन्ड्राइड वन नाम से बेहद सस्ते फोन बाज़ार में उतारेगा। इन्टेक्स, माइक्रोमैक्स, लावा जैसी कंपनियां इन सस्ते फोन को ले कर आएंगे। दूसरी ओर चीन की अनेक कंपनियाँ जैसे कि जियोनी, जिओमी, वनप्लस, ओप्पो भारत के इस बढ़ते बाज़ार का हिस्सा बनने की पूरी तैयारी में हैँ।

ऐसे में सात-आठ महीनों के भीतर हम इस बाज़ार में बढ़िया प्रतिस्पर्धा देखने की उम्मीद रखते हैं। जीतेगा वही जो बढ़िया फीचर्स के फोन कम से कम दाम में उतारेगा। कंपनियों के बीच प्रतियोगिता एक अलग ही स्तर पर देखने को मिलेगी।

पैनासोनिक के लिए बेहद ज़रूरी हेगा कि वह फोन  को बाज़ार में सही और कमीटीटिव दामों पर उतारे।

ज़र गौर करें- जहाँ आज पैनासोनिक ने स्नेपड्रेगन 400 प्रोसेसर वाला इल्यूगा यू 18,990 रूपये में लाँच किया, वहीं जिओमी ने कुछ दिन पहले मी3, 13,999 रूपये में स्नेपड्रेगन 800 प्रोसेसर के साथ लाँच किया है। एक खरीदार के तौर पर मेरे लिए इल्यूगा यू एक महंगा निवेश है। आपका क्या विचार है?

25 नई कंपंनियों को गूगल देगा बढ़ने का मौका 

Google Start up Program
Google Start up Program in India

भारतीय कंपंनियों को आगे बढ़ने का खास मौका देते हुए गूगल ने पहली बार भारत में अपने लॉच पैड कार्यक्रम की घोषणा की है। इस कार्यक्रम के तहत गूगल नवम्बर के महीने में बैंगलौर में 5-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा, जिसमें 25 नई कंपंनियों के लिए खास शिविर का आयोजन होगा।

दुनिया भर से एकत्रित हुए गूगल के प्रतिभाशाली विशेषज्ञ इन कंपंनियों के साथ ज्ञान का आदा-प्रदान करेंगे और इस प्रकार आगे बढ़ने में मदद करेंगे।गूगल के स्ट्राट-अप इकोसिस्टम के कंट्री हेड के अनुसार “एशिया में प्रथम बार ऐसा आयोजन हो रहा है। इसके बाद टोक्यो जैसे शहों में इसके विस्तार की यजना है।

गूगल द्वारा इस तरह के कार्यक्रम पहले ब्राज़ील, इज़राइल में आयोजित किए जा चुके हैं।यदि आप आवेदन करना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें।

माइक्रोसॉफ्ट की पहने जानेवाले स्मार्ट गैजेट्स में दिलचस्पी है – सत्या नडेला

Satya Nadellaमाइक्रोसॉफ्ट के नए सी.ई.ओ. सत्या नडेला ने अभी हाल ही में फॉरच्यून के ब्रेनस्टार्म टेक कान्फेरेन्स में कंपनी के भविष्य के विषय पर चर्चा की। सहभागियों से बात करते हुए नडेला ने कहा कि उनकी रेडमण्ड कंपनी पहने जानेवाले स्मार्ट गैजेट के क्षेत्र में पदार्पण करने वाली है।

फॉक्सबिजनेस के अनुसार “माइक्रोसऑफ्ट वियरेबल श्रेणी में उतरेगा।” हालांकि नडेला ने इस विषय में ज्यादा कुछ नहीं बताया, ऐसा मानना है कि यह माइक्रोसॉफ्ट के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। स्मार्टवियर उत्पाद श्रेणी में अभी इस कंपनी की तरफ से कोई भी उत्पाद बाजार में नहीं है।

स्मार्टफोन और मोबाइल क्षेत्र में स्मार्टवियर श्रेणी एक नूतन अध्याय का प्रारंम्भ करता है, और इस क्षेणी में अभी प्रतिद्वंन्दिता देखी जानी बाकी है। सैमसंग, गूगल, एल.जी., सोनी जैसे कुछ गिनी चुनी कंम्पनियों ने ही इस श्रेणी में अपने घड़ी-जैसे स्मार्टवियर उतारे हैं। उड़ती अफवाहों की मानें तो इस साल एप्पल भी अपना आईवॉच लाँच कर सकता है।

“हमारी अपनी आकान्क्षाएं हैं” – नडेला ने कान्फेरेन्स में कहा।

हम भी ऐसा ही मानते हैं , माइक्रोसॉफ्ट।

चित्र- सत्या नडेला, सी.ई.ओ., माइक्रोसॉफ्ट, सौजन्य- माइक्रोसॉफ्ट

जोड़ें-बनाएं-फोन: गूगल प्रोजेक्ट आरा डेवेलॉपर बोर्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू

गूगल के जोडे-बनाएं फोन के बारे में तो आपने सुना ही होगा। प्रोजोक्ट आरा के तहत तैयार किए जा रहे इस फोन के डेवेलॉपर बोर्ड डेवेलॉपर्स को जारी करने की प्रक्रिया गूगल ने शुरू कर दिया है।

डेवेलॉपर्स से इसके लिए आवेदन स्वीकारे जा रहे हैं। जुलाई महीने के तीसरे हफ्ते में प्राप्त किए गए आवेदनों पर विचार किया जाएगा, जिसके बाद इस महीने के अंत तक डेवेलॉपर बोर्डस भेजना आरंभ होगा।यदि आप गूगल के स नए मॉड्यूलर फोन के लिए सॉफ्टवेयर बनाना चाहें तो आप यहां आवेदन कर सकते हैं।

गूगल ने साफ किया है कि क्यूबा, नार्थ कोरिया, इरान और सिरीया में यह बेर्ड सप्लाई नहीं किए जा सकते।

आई ओ एस 7 में लोकेशन ट्रेकिन्ग की संभावना से सुरक्षा को खतरा नहीं – एप्पल

Apple iPhone 5

आई फोन 6 के लाँच में भी अधिक समय बाकी नहीं है, और एप्पल एक बार फिर विवादों में घिरता नज़र आ रहा है। चीन ने यह दावा किया है कि एप्पल के आई फोन, उपभोक्ता कौन कौन सी जगहों पर जाता है और कब जाता है, इसकी जानकरी एकत्रित करता है, जो सुरक्षा कारणों से उचित नहीं।

एप्प्ल ने इन सुरक्षा संबधित चिंताओं को सिरे से नकारते हुए कहा है कि “उपभोक्ताओं को इस महत्वपूर्ण विषय पर जागरूक करने की चीनी राज्य प्रसारक के प्रयासों की हम प्रशंसा करते हैं।“  अपने चीनी वेबसाइट पर एप्पल ने एक बयान जारी करते हुए यह कहा।

एप्पल ने यह भी कहा कि, हम चीन में अपने सभी उपभोक्ता को यह बताना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा और निजी गोपनीयता के संबंध में एप्पल के आई फोन कौन से तथ्य एकत्रित करते हैं और कौन से एकत्रित नहीं करते। एप्पल ने कहा “जैसा कि हमने पहले भी कहा है, एप्पल कभी किसी भी सरकार के लिए अपने उत्पादों पर पीछे के दरवाजे (गुपचुप तरीके से जासूसी के रास्ते) नहीं खोले हैं। हमने कभी किसी  सरकार को अतना सर्वर को इस्तेमाल करने का मैका भी नहीं दिया है।”

गौरतलब है कि एप्पल के आई फोन आई उ एस 7 नामक सोफ्टवेयर पर चलते हैं, जिसमें फ्रीक्वेन्ट लोकोशन्स फन्कशन नाम की सुविधा होती है। यद्दपि यह फीचर उपभोक्ता के द्वारा ऑन या ऑप किया जा सकता है, यह फीचर न जगहों के बारे में जानकारी स्टोर करता है, जहां उपभोक्ता बार-बार जाता है। और तो और यह फीचर उपभोक्ता के उस जगह पर जाने का समय भी स्टोर करता है।

पिछले साल 2013 एप्पल ने चाइना टेलीकॉम के ज़रिए चीन में धमाकेदार प्रवेश लिया है। 2014 क्वार्टर 2 के वित्तीय आमदनी रिपोर्ट के अनुसार एप्पल ने इस समय में चीन में 9289 उत्पाद बेचे हैं, जो पिछले दो सालों की तुलना में अधिक है। यहां देखें। यह कहना सही होगा कि चीन एप्पल कम्पयूटर्स के लिए महत्वपूर्ण बाजार है और इस खबर का प्रभाव सितम्बर में होने वाले आई फोन 6 के लाँच पर पड़ सकता है।

पूछो, कुछ और मिले ना मिले ऑटो तो मिल ही जाएगा, ऑटो रिक्शा बुकिंग ऐप हुआ लाँच

 

ghostदिल्ली जैसी जगह में एक जगह से दूसरी जगह जाना काफी मुश्किल हो सकता है, खासकर ऑफिस के लिए या ऑफिस से लौटते समय। इस समस्या का समाधान ढून्ढते हुए, दिल्ली संयुक्त मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डी.आई.एम.टी.एस) ने एक नया ऐप लॉन्च किया है, जिसका नाम है – पूछो।

यह ऐप उन ऑटोरिक्शा को एक जगह पर लाता है, जो जी.पी.एस से जुडें हुए हैं। यानी जो ऑटोरिक्शों जी.पी.एस से जुडें हुए हैं, उनकी सारी डीटेल, इस ऐप की मदद से आपके फोन पर आ जाती है।  जो ऑटो आपके नज,दीक हैं, उसकी वास्तविक स्थिती, उसके चालक का नम्बर आपके फोन पर आप पा सकते हैं। अब आप ऑटो चालक को फोन कर, आराम से ऑटो बुक कर सकते हैं।

डी.आई.एम.टी.एस के अनुसार “ऑटो में सफर करनेवाले इस ऐप के ज़रिए, किसी नज़दीकी ऑटो की जानकारी प्राप्त कर ऑटोचालक को उसके निजी फोन नंबर पर फोन कर सकते हैं। उन्हे अब सड़क पर निकल कर ऑटो के लिए आवाज़ लगाने की कोई ज़रूरत नहीं। ऑटो आपको आपके घर के पास से ही खुद ही ले जाएगा।”

इतना ही नहीं, इस ऐप के ज़रिए सफर शुरू करने का स्थान और कहां पहुंचना है फीड करने पर, सफर में कितना समय लगेगा, कितना किराया होगा और रास्ते का मैप आपके फोन पर उपलब्ध हो जाएगा। इस सुविधा के लिए मैप माए इन्डिया का इस्तेमाल किया गया है, और गूगल मैप्स से तुलना करने पर थोड़ा बहुत फर्क पाया जाना लाजमी है। और हां, रास्ते में ट्रेफिक की क्या स्थिती है, यह आपको सफर शुरू करने के पूर्व ही पता होगा।

इस ऐप के लाँच के दौरान दिल्ली के गवर्नर जनरस नजीब जंग ने बताया कि, इस ऐप में कई सुरक्षा फीचर्स भी हैं। ‘पूछो’ ऐप का सबसे बड़ा फायदा उन लड़कियों को होगा जो अकेले सफर करती हैं। ऑटो बुक करने के बाद लड़कियां जरूरी खबर अपने फेसबुक या ट्विटर पर अपने मित्रों को दे सकती हैं, जैसे कि – ऑटोचालक का नम्बर, ऑटो का नम्बर, कहां से सफर की शुरूआत की वगैरह।

जी.पी.एस के ज़रिए जुड़े होने के कारण ये ऑटो आसानी से ट्रेस किए जा सकेंगे।

डी.आई.एम.टी.एस दिल्ली पुलिस से इस ऐप को अपनी वेबसाइट और दिल्ली पुलिस के ट्रेफिक ऐप से जोडेजाने की दरख्वास्त करेगी। जिससे उन ऑटोचालकों पर कार्यवाही की जा सके जो बिना किसी वजह के मुसाफिर को मना कर देते हऐं।

पूछो ऐप का बीटा (टेस्ट वज़र्न) गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। यह ऐप एण्ड्राएड 2.3 जिन्जरब्रेड ऑपरेटिन्ग सिस्टम या अघिक पर काम कर सकता है। एपल आई ट्यून स्टोर पर भी यह ऐप जल्दी ही उपलब्ध होगा।

‘पूछो’ ऐप डाउनलोड करना चाहते हैं? इस लिंक पर क्लिक करें।

अगर इस ऐप पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं, तो इस पते पर मेल करें – response@dimts.in.

रामसे ब्रर्दस ने जैगुआर से हाथ नहीं मिलाया, पर भुतहा कारों की कहानी हुई सच

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अभी इसी सा अप्रेल में लैंण्ड रोवर ने अपने नए आविष्कार के बारे में दुनिया को बताया। इस कंपनी ने एक ऐसी तकनीक तैयार की हऐ जिसमें कार के नीचे लगाए गए कैमरों की मदद से  सड़क का वो हिस्सा जो गाड़ी के नीचे है, उसे कार के बोनट पर एक प्रोजेक्टर के ज़रिए प्रोजेक्ट किया जाता है। अब इस तकनीक को नई दिशा देते हुए जैगुआर ले कर आया है वर्चूअल विंडस्क्रीन।

इस वर्चूअल विंडस्कीन पर आपकी कार की गति, रोड पर आने वाली रुकावटें, कार के बारे में न्य सूचना – बढिया एनीमेशन के ज़रिए दिखाया जा सकता है। रेसिग में भाग लेने वालों के लिए यह खास कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें इसके जरिए, सड़क पर टीक से गाड़ी चलाने और वर्चूअल त्रिकोनों को पार करना सीखने में सुविधा होगी। कारचालक को गाड़ी की विंडस्क्रीन से नज़रें हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

और तो और ‘घोस्ट कार’ मोड के तहत आप दूसरी कारों के साथ मुकाबला भी कर सकते हैं।

अभी तो यह तकनीक स्वयं कार चलाना सीखने वालों के लिए ही उपलब्ध होगी। इसको वास्तविक कार मॉडल में लाया जाएगा या नहीं, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं।

परन्तु यदि यह तकनीक वास्तविक कारों में लाई गई तो यकीन मानिए, सड़कों पर कारचालक को भुतहा कारें दौड़ती नज़र आएंगी और यह किसी रामसे ब्रर्दस की हॉरर पिल्म से कम ना होगा।