साल २०१३ भारत के स्मार्टफोन बाजा़र में काफी गहमागहमी रही। एक के बाद एक जबर्दस्त फोन लांच हुए और कंपनियों ने स्वास्थ्य संबंधी एपस् की ओर रुझान दिखाया।
जहां एप्पल ने एक साथ दो-दो फोन लांच किया, वहीं सैमसंग ने तो जैसे नए उत्पादों की झड़ी लगा दी। गैलेक्सी एस ४ के साथ सुरुआत करते हुए इस कंपनी ने तीन गैलेक्सी ग्रेण्ड फोन, गैलेक्सी नोट, गैलेक्सी टैब और अंततः एक कर्वड स्क्रीन वाला फोन लांच कर ही दिया। एल जी ने भी कई छोटे-बड़े फोन के साथ, अपना साल का बेहतरीन एन्ड्राइडफोन जी२ और कर्वड स्क्रीन जी फ्लेक्स लांच किया।
पर सबसे बढिया खबर तो छोटी कंपनियों की तरफ से आई। माइक्रोमैक्स, कार्बन, सेल्कॉन, लावा और अन्य कई कंपनियों ने कम दाम में अच्छे फोन लांच कर बाजा़र में खलबली मचा दी। क्वाड-कोर प्रोसेसर, ४.५ से ५ इंच का डिस्पले स्क्रीन, और ८ से १२ या इससे अधिक मेगापिक्सेल कैमरे वाले फोन खूब पसंद किए गए।
पर क्या होगा २०१४ में स्मार्टफोन बाजार का रुझान? किस तरह के फोन लोग पसंद करेंगे और क्या इनके दामों में किसी तरह की कोई बढोतरी या गिरावट के आने का अंदेशा है?
हमारे अनुसार आनेवाले वर्ष में यह 6 चीजें घट सकती हैं भारत के स्मार्टफोन बाज़ार में-
– क्वाड-कोर से दोगुना तेज़ औक्टा-कोर (८-कोर वाला) प्रसेसर बाजा़र में धूम मचाएगा। जहां इस साल केवल सैमसंग ने ही ४०००० रुपये में ऐसे फोन बेच बाजी़ मारी, २०१४ में सस्ते मीडियाटेक औक्टा-कोर प्रसेसर के कारण ऐसे फोन २०००० रुपये से कम में उपलब्ध होंगे। सस्ते मेइक्रोमैक्स, इन्टेक्स और कार्बन फोन सैमसंग को बड़ी टक्कर देंगे।
– हालांकि हर कंपनी अपने औक्टा-कोर फोन बाज़ार में लाएगी, यह फोन उतने हीं बिकेंगे जितना कि इस साल लांच हुए क्वाड-कोर। इसमें कोई दोराय नहीं कि २०१२ में आया कैनवास २ इस साल भी सबसे अघिक बिकने वाले फोन में से एक रहा, जिसकी वजह केवल इसका अन्य के मुकाबले कम दाम होना था। औक्टा-कोर प्रोसेसर फोन के आते ही, क्वाड-कोर फोन सस्ते होने शुरु हो जाएगें। यही वजह होगी कि यह फोन २०१४ में भी खूब बिकेगें।
– अधिकतर फोन १२-१३ या १६ मैगापिक्सल कैमरों के साथ आएगें, और साल के अंत तक ये काफी सस्ते भी हो जाएंगे। ऐसे में यह देखना है कि पहले से चोट खाया इस डिजीटल कैमरों का बाजार आने वाले साल में और कितना नीचे जाता है।
– इस साल थोड़ी सी बढ़त बना चुका नोकिया, २०१४ में और भी आक्रामक तेवर लिए उभरेगा। एक लंबे समय की नींद से जागी यह कंपनी सिर्फ एक साल के अंदर ही बाज़ार में अपनी मऔजूदगी का अहसास करा चुकी है। जहां एक तरफ यह माइक्रोसोफ्ट के खे़मे में चला गया (माइक्रोसोफ्ट ने नोकिया का मोबाइल डिवीजन खरीद लिया), वहीं इस कंपनी ने एच.टी.सी. और गूगल के पेटेन्ट की लड़ाइ में घेर लिया। आने वाले साल में हम नोकिया और गूगल के बीच किसी किसी एण्ड्राइड फीचर को लेकर समझौते की उम्मीद कर सकते हैं।
– इस साल हर बडी़ कंपनी का ध्यान स्वास्थ्य की तरफ गया है। चाहे वह एप्पल हो, सैमसंग या एलजी, सभी ने स्वास्थ्य संबंधी एपस् को महत्व दिया। साल की शुरुआत में होने वाले कन्ज्यूमर इलेक्ट्रोनिक शो में इस प्रकार के अनेक नए गैजेट आाने की उम्मीद है। साथ ही हम यह भी आशा कर सकते हैं कि पहन सकने वाले (वीयरेबल) गैजेट जैसे कि स्मार्ट घड़ी, छोटा कैमरा जो कि फोन के सहायता से चलते हों इस साल बाज़ार में सस्ते होंगे।
– जैसै-जैसै लोग किसी ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर को अधिक पसंद करते हैं, वैसे-वैसे हैकरों की नज़र उस पर पड़ने लगती है। यह दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जानेवाले विन्डोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ हुआ। अब यही ऐण्ड्राएड के साथ हो रहा है। गूगल का एण्ड्राएड हैकरों की पसंद बनता जा रहा है । ऐसे में मोबाइल को ले कर लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। साल २०१४ में इस दिशा में लोगों की जागरुकता और अधिक बढे़गी।